क्या लिखूँ???
क्या लिखूँ इस हाल में,
क्या अपने जहन के सवाल लिखूँ?
या चहुँओर दुनिया में फैला बवाल लिखूँ?
स्वयं का हँसता-खेलता परिवार लिखूँ,
या आजकल संक्रमण से उजड़ते घर-वार लिखूँ?
दुनिया की हाहाकार लिखूँ,
पसरी अर्थव्यवस्था का कोई समाचार लिखूँ?
किस देश की मैं बात लिखूँ,
रोज की बढ़ती गिनती पर अपने विचार लिखूँ?
मरीजों की चित्कार लिखूँ,
पीड़ामय उनकी अंतिम पुकार लिखूँ?
मज़दूरों के कंधों का भार लिखूँ,
या उन पर वक़्त की पड़ती मार लिखूँ?
डॉक्टरों और प्रशासन को आभार लिखूँ,
या बेवकूफों के उन पर हुए प्रहार लिखूँ?
किसी नेता की नीतियों की जय-जयकार लिखूँ,
जो रोक सके इस काल को, उसे प्रणाम बारम्बार लिखूँ।
हे ईश्वर! इतना बल दे, कुछ तेरा चमत्कार लिखूँ,
शीघ्र कोई उपचार हो संभव, तुझे कोटि-कोटि आभार लिखूँ!!
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