♥️ बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम ♥️
बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम
कभी मैं जो कह दूँ मोहब्बत है तुम से
तो तुम्हे खुदा का वास्ता मुझे, ग़लत मत समझना
कि मेरी ज़रूरत हो तुम
बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम
हैं फूलों की डाली पे बाँहें तुम्हारी,
हैं ख़ामोश जादू निगाहें तुम्हारी ,
जो काँटे हों सब अपने दामन में रख लूँ,
सजाऊँ मैं कलियों से राहें तुम्हारी,
नज़र से ज़माने की ख़ुद को बचाना,
किसी और से देखो दिल मत लगाना ,
कि मेरी अमानत हो तुम...
बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम...
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