न जाने इतना बड़ा दिल , कैसे है इनका ?
अपनी मां के बाद ,
धरती को भी मां माने अपनी ।
मां के दूध का कर्ज़ चुकाएं ,
भारत मां का फ़र्ज़ भी निभाएं ।
एक की गोद से जन्म ले ,
दूसरी की आगोश में सो ले ।
इक मां के सपने के लिए, घर छोड़ दे ।
दूसरी के लिए , जंग में रूह त्याग दे ।
प्यार का माप तो बराबर ही है ,
दोनों मांओं की खातिर , दिल हाज़िर हैं ।
यूं कहिए , जीने मरने को भी उतारू हैं ।
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