I was longing for those things Which I couldn't have all along But still I tried to own them Without knowing the truth That they can't be mine Even for a while...
कहीं धूप कहीं घना अंधेरा कहीं खिले गुलज़ार हैं कही उजडे से पेड़ और पौधे कहीं खेत खलियान हैं कहीं रात अंधेरी सी है कही खुला आसमान है कहीं धूप कहीं घना अंधेरा कहीं खिले गुलज़ार हैं सूरज की किरने कही जगमग सा करजाती हैं वही कहीं पर अंधेरे में एक ग़म को झलकाती है कहीं धूप कहीं घना अंधेरा कहीं खिले गुलज़ार हैं कहीं ख़ुशियों का है बसेरा कही दुखों का पहाड़ है कहीं खिला सूरज गगन में कही रात का चाँद है कहीं धूप कहीं घना अंधेरा कहीं खिले गुलज़ार हैं