जानत हौ कल का भवा,
अइसी सेकुलरिस्म चिल्लात रहै,
वाईसी कट्टरता बम्बात रहै,
यू तौ बतावहैक भूलि गेन कि
सेकुलरिस्म इनटॉलेरेंस -२ चिल्लात रहै,
कट्टरता पार्क म रक्षाबन्धन मनवावत रहै,
औ तिसरकौ रहै हो साम्यवाद दूर खड़ा मुस्काति रहै,
कट्टरता रोटी बहु बढ़िया बेल लेति है,
साम्यवाद चूल्हा जलाइस रहै
सेकुलरिज्म आवा औ रोटी स्यांकै लाग,
सेकुलरिज्म बहुत ट्रॉफी धरे रहै पता नै सब वापस कर दिहिस का कौनो देखा नै रहीं,
कट्टरता संघ बनाए क दल केरे साथै सेना लइकै आवा रहै,
साम्यवाद बंगाल औ केरल म खूब लाशै बिछाईस है आजकल बिस्तर नाइ बिछावत,
जान्यो हो अब बचेन चौथे हम ,
बस का बताई पिसे जा रहेन है।
(See caption for Khadi boli)
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