एक तरफ़ा ही सही,प्यार प्यार होता है,
किसी के इंतज़ार मे,दिल सुबह शाम रहता है।
चाहत बेशुमार रखकर भी,पाने की चाहत न करो,
किस्मत और उम्मीदों से बढ़कर,प्यार तो बस प्यार होता है।
माना के दर्द देता है बहुत फिर भी,
उसे खुश देखकर, हर दर्द कम सा लगता है।
कहने को नाकामयाब रह जाती हैं सच्ची मोहब्बते,
बस मे नही कुछ होता,न दिल पर इख़्तियार होता है।
न कोई हक,न इंकार का डर,
किसी को न पाकर भी,खो देना होता है।
नही गुंजाइश किसी कशमकश की यहां,
अधूरा इश्क,टूटे ख्वाबों की सच्चाई होता है।
एक अंजाना सा सुकून भी है शामिल,
न शिकायत होती है,न इल्ज़ाम ए बेवफाई होता है।
उदासियों मे कुछ नहीं रखा,
इंसानियत को निभा जाए,वही इंसान होता है।
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