QUOTES ON #COLLABWITHITSPD

#collabwithitspd quotes

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21 MAR 2018 AT 14:58

न कर शक़ मुझ पे कोई
कि मुझमें राज़ दफ़्न है
तेरे इश्क़ में डूबने को भी तैयार
और ओढ़ लिया कफ़न है

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21 MAR 2018 AT 19:50

A poem looks like certain kind of emotional cryptography
left to be decrypted by readers who have gone through the same phase....
-It'sPd

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1 MAY 2018 AT 13:48

तलाश ले कोई महफिल यारों की भी
ग़मे-दुनिया की तो यहां दुकान बहुत है।
जिन्दगी जैसे तैसे कर गुज़र बसर
सौदा मौत से किया तो नुकसान बहुत है।
कैसे अदा होगा वो कर्ज़ यूँ मर कर
माँ-बाप के तुझ पर अहसान बहुत है।
करेंगें तुझे रो कर रुखसत,
मुर्दों के वास्ते शमशान बहुत हैं।
मत कर एतबार गैरों पर इतना,
यहां लोगों की मीठी ज़ुबान बहुत है।
संभल कर चला कर हर डगर यहां,
इस शहर नकाबपोश इंसान बहुत है।
तू कर सके कुछ तो नेकी कर
इंसानियत यहां लहुलुहान बहुत है।
लिये फिरते हो मंद मुस्कान लबों पर
इस हंसी के पीछे निशान बहुत है।

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21 MAR 2018 AT 16:46

मैंने दूर रह कर देखा है
लोग अक्सर मुझे भूल जाते हैं

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12 APR 2018 AT 17:25

बचपन के वो साथी देखो
वक्त के आगे मज़बूर हुए,
(CONTINUES IN CAPTION)

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22 MAR 2018 AT 15:17

ज़ख़्म कुरेदने वो कहीं
न आ जाए ख़्वाब में ..!
डर से दर्द के कफ़न में
लिपटा जागता रहता हूं मैं..!

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1 MAY 2018 AT 20:31

No matter how hard the iron is,
Continuous strikes can reshape it,
Because Hardwork Pays Off...

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18 APR 2018 AT 21:26

मेरे पुरखों की विरासत का भरम रहने दे
तू हवेली को खुला देख के अंदर मत जा।
-yqbhaijan

मलकीयत है मेरे पूर्वजो की ये सारी जमीं और विरासत मेरी काश्मीर कन्याकुमारी तक,
ए हरीफ!! तेरी नासाफ़ नापाक नज़रें हटा।।

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21 MAR 2018 AT 15:53

मेरे गेसू हटाओ जरा अपने रुख से
मैं तुम्हें अपनी निगाहों से पढ़ना चाहती
हूँ

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26 MAR 2018 AT 22:20

ये रास्ते, कितनी तरफ खुलते हैं,
कुछ सुलझे सुलझे, कुछ उलझे उलझे लगते हैं,
कुछ गुमराह है खुद मंजिल से,
कुछ मंजिल से जाकर मिलते हैं।।
उफ! ये रास्ते कितनी तरफ खुलते हैं?

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