तेरी यादें मेरी पहचान का वह हिस्सा बन जाए चाहे जितना टूट जाऊं मेरी टुकड़ों में वो नजर आए l तेरे होने का एहसास दे जाए वह गली के उस मोड़ पर भी जहां से आगे बढ़ने की कोई भी राह ना गुजर पाए l तेरे रंग से सजा रहे यादों का वह कोना ऐसे ही जिसमें खोकर मेरी जिंदगी का पन्ना थोड़ा सज-संवर जाए l तेरी यादें चुपके से आए मरहम बन जख्मों पर उन्हें खुद में समेट कर मेरा दिल जरा सा मुस्कुराए l
एक जमाना था,.... जहां कलम उठाएं बिना बातें दिल तक पहुंच जाती थी। आज कलम से बहुत से पन्नों को भर दिया, पर बातें अब तक ना पहुंची। एक जमाना बीत गया तुझसे जुदा हुए, फिर भी क्यों लगता है, ये दर्द नया सा।