एक मलाल हैं आज,
किसी से कुछ न कह पाने की,,
किसी की बातों को न समझ पाने की,
दिल कि बात दिल में ही रह गयी,,
और हम सुनते रहे कहानियाँ ज़माने की,
ना मैंने सुना जो तुमने कहा,
ना तुमने सुना जो मैंने कहा,,
नज़रों ने की थी कुछ बातें,
ज़ुबाँ पर आते- आते रह गयी,,
और हम........................... ||🤫🤐
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