पड़ोसी पर भरोसा हमेशा नहीं करते अशुद्ध है चीनी उसको, प्रसाद की थाल नहीं धरते। जो बौद्ध का ना हुआ औऱ ना किसी ऊसूल का उस पाखण्ड के जनों से हम नहीं डरते। अब जो छेड़ दी है देश के शेरों को तो अंज़ाम देख चीनियों को घोल के पिये बिना हम पीछे नहीं हटते।।
हमने चाइनाको भगवान "बुद्घ" का परिचय दिया तो चाइना ने सोच लियाकी हम 'युद्ध' नहीं जानते , सायद अब हमें चाइना को हमारे "महाराणा, शिवाजी और पृथ्वीराज की याद दिलानी पड़ेगी"।