स्वप्न और लक्ष्य में एक अंतर हैं।
स्वप्न के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए,
और लक्ष्य के लिए बिना नींद की महेनत चाहिए।
इसीलिए, जो व्यक्ति स्वप्न देखने में रहे जाता हैं,
उठने के बाद उसके हाथ खाली रहे जाते हैं।
और जो व्यक्ति महेनत करता हैं,
सोते समय उसके हाथ लक्ष्य से भरे होते हैं।
इसीलिए, अगर स्वप्न देखो तो लक्ष्य समझकर देखो।
---मेहूल वढवाणा.
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