आप अपने इश्क की नुमाइश करके तो देखिये हम भी अपने इल्जाम लिये चुस्त खड़े हैं माना आप इस दिल की पेहली आरजू थे पर इस दिल को दुखाने का हक़ आपको किसने दिया 💔... ? ?
आह निकलती है दिल से उसके गम में.. मगर घरवालों के सामने रो भी नही सकता। मैं तो हूँ ग़म में तेरे दिये.. जख्मों की वजह से.. मगर मैं उन्हें ये बताकर अपने अधूरे इश्क की.. नुमाईश भी नही कर सकता।