अच्छाइयां और बुराइयां हर इंसान में होती हैं..
लेकिन, हमारा सबसे बड़ा मसला ये है कि हम हमेशा अपनी अच्छाइयों और दूसरों की बुराइयों पर नज़र रखते हैं..!
" हमारी जिंदगी की आधी परेशानियां तो उसी दिन ही खत्म हो जाएगी जिस दिन हम अपनी बुराइयां और दूसरों की अच्छाइयां तलाश करना शुरू कर देंगे..!"
कभी किसी की बुराइयां मत गिनवाओ, क्युकी ये आपकी अच्छाइयों पर भी पानी फेर देती हैं..!०
"दूसरों में बुराइयां तलाश करने वाले शख्स की मिसाल उस मक्खी की तरह है, जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोड़कर सिर्फ ज़ख्म पर ही बैठती है.!"
" दूसरों में ऐसे ही अच्छाइयां देखिए जैसे हम कांटो के बीच में सिर्फ गुलाब को देखते हैं..!"
कभी आईना देखते वक्त सूरत की जगह सीरत देखने की कोशिश करें, और अपनी बुराइयों को नज़र में रखें और उसे अच्छाइयों में बदलने की कोशिश करें..!
खुशनसीब हैं वो लोग जो अपने बुराइयां Accept तो करते हैं इस तरह वो अपने इंसान होने का सबूत तो देते हैं..!
मैंने लोगों की अच्छाइयों पर और खुद की बुराइयों पर नज़र रखना शुरू कर दिया है..क्योंकि इस तरह मैं अपनी सीरत पर कुछ और निखार तो ला सकती हूं..! क्योंकि मैं जानती हूं हर इंसान Perfact नहीं होता..!
लेकिन कोशिश तो की जा सकती है ना..!
"याद रखिए, अच्छाइयां हमेशा बुराइयों से जीत जाती हैं..!!"
-