तुम आए, संग उम्मीद लाए
अंधेरी सी सुनी ज़िन्दगी में
ख़्वाबों की नई रौशनी लाए..
मिले ना थे बिछड़ने को,
थामा था हाथ, साथ चलने को..
अब जो चल दिए हैं तो
ठहरना नहीं किसी मंज़िल पर,
क्यूंकि सफ़र ही है असली मंज़िल
ये मायना भी संग तुम ही लाए..
चलता रहे ये कारवां,
नई सुबह चाहे कैसी भी खबर लाए..
बस यूंही चले अपनी ये यारियां,
ज़िन्दगी में चाहे कितने ही
ख़ास या आम लोग आए..
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