लाल-गुलाबी दवा लेकर,
एक बार सुकून पा लेता है दिल,
पर अंग्रेजी दवा-सा जुकामी इश्क़,
फिर कटवा लेता है ,
एक मुलाक़ात वाली पर्ची,
किसी सुबह रेस्त्रां में ,
अदरक वाली चाय की चुस्कियों संग,
हाले-ए-दिल सुनाते हुए,
किसी दोपहर लाइब्रेरी में ,
किताबों के बहाने बतियाते हुए,
किसी शाम बाग में,
हरी नर्म दुब पर टहलते हुए...
की कुछ मीठी-कड़वी गोलियां ,
भाने लगी है दिल को।😜✒️
#Caption पढ़िए पहले..
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