"भुला देना है उसको जो बीत गया"
पर क्यों?
वो चेहरा जो दग़ा कर गया,उसे
खुद को साबित करके नही दिखाना,
जो हाथ छोड़ गए रास्तों में,उनसे
कामयाबी की दावत पर हाथ नही मिलाना,
वो नियते जो तुम्हें नज़रे लगाती थी,उन्हें
खुदा के कर्म का नज़ारा नही दिखाना,
बुरे को भूल जाओगे तो अच्छा कैसे कर पाओगे
जज़्बे को जगाओगे नही तो सोये ही रह जाओगे,
भूल जाओगे सब तो डायरी के पन्ने कैसे सजाओगे।
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