चकाचौंध ए शहरिया के हमके अब बेकार लागेला
कुल शहर से त बढ़िया हमके गऊंवा हमार लागेला
ऊहवा त काकी औ भऊजी सब आपन ही रहली ह
ईहवा त आंटी बोलला पर भी सबके अछार लागेला
पहिनऊआ से हमके अक्सर नासमझ समझल जाला
तबो जीन्सवा से बढ़िया त हमके सूट सलवार लागेला
पिज़्ज़ा बर्गर के दीवाना त हर शहरिया में मिल जाले
बाकी सबसे स्वादिष्ट त लिट्टी चोखा अचार लागेला
हर सड़किये पे बनल बड़हन शॉपिंग मॉल बा इहवा
तबो याद हमके रोज़ अपने गाउंवा के बजार आवेला
होला जश्न त यहाँ भी धूम धाम से होली दिवाली के
बाकी दोस्तन के बिना त फीका हर त्यौहार लागेला
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