✍️जित
कैसी ये बेबसी आई है दोनों ने आज फाँसी खाई है !!
दो जिस्म एक जान हुआ करते थे ना ,
फिर क्यों जिंदगी से आज हुए हरजाई है !!
माता पिता की परवरिश का मान तो रखते,
पता है उनकी जिंदगी में गमो की आज आंधी आई है !!
नहीं समझता जमाना किसी के सच्चे प्यार को,
उनके तानो ने देखो आज दो जिन्दगी खाई है !!
काया के पीछे भागे हो,संस्करों को रखा ताक पर,
तभी तो आज इस कुकर्म की बेला आई है !!
युवा साथीयो मत करो कुछ ऐसा काम ,
देखो लिखते लिखते मेरी भी आंखे भर आई है !!
कैसी ये बेबसी आई है दोनों ने आज फाँसी खाई है !!
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