व्रत रखती है पर सबके लिए खाना बनाती है ख़ुद उदास है पर दूसरों के लिए मुस्कुराती है सब अपना अपना कहते हैं वो सारी जिंदगी दूसरो के लिए कुर्बान कर जाती है
नखरे करती है तो कर लेने दो उसे सहलो तुम जरा सा शायद उसका दिल है कुछ भरा सा इतने साल जिनके साथ जिंदगी बिताई है तुम्हारे संग चलने के लिए उन्हें झट से छोड़ आई है
मिलती हो रातों को हमसे फिर क्या दिन में मेरी याद आती हैl सुनती हो जब गज़ाले तुम क्या उनमें मेरी आवाज़ आती हैll ख़्वाब हुए नहीं पूरे मेरे इसका गम नहीं लेना खुद पर l पा लिया इस दिल ने तुमको जब इश्क हुआ उस पलll
हँसना मत भूल जाइये इसे देख हम जिंदा हैं कभी कभी जाने अंजाने हो जाती है तकरार पर बात तो वही है आप भी मत भूल जाइये गुस्सा हो लीजिये, पर ज़रूरी है आप फिर से मुस्कुराइये