चाँद हो , फूल हो, खुदा हो
या कोई मन्नत हो तुम .. !!
इबादतों में मिश्रा ने जिसे माँगा
वो दुआ हो तुम..।।
हो चलती फिरती ताजमहल,,
सूखे रेगिस्तान में भी कश्मीर हो तुम,!!
शाम की लाली,रात का काजल,
और क्या कहूं तेरे बारे में...
मिश्रा जो सुबह देखे वो तस्वीर ही तुम,!
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