हम ही हैं वो जो तुम से तुम्हारा परिचय कराते हैं,
हर बुराईयों से तुम्हें दूर रखना चाहते हैं,
दुनिया के चकाचोंध में तुम हमारी सीख भूल जाते हो,
और हमारे कोख को ही कलुषित कर जाते हो,
अनभिज्ञ इन बातों से संसार दोषी हमें मानता
क्या कहें हम जब अपना सिक्का खोटा निकल जाता।
-