मौसम का हाल कुछ बेगाना हुआ है,
शजर से पत्तियों का जाना हुआ है ।
ये सिलसिला अभी शुरू ही हुआ था,
देखते देखते शहर ये अनजाना हुआ है ।
खिलौने की आस में बैठा एक बच्चा,
जिसके बाप को गुज़रे ज़माना हुआ है ।
वाकिफ़ हूँ इन ठंडी हवाओं से मैं,
उस बेवफा का शहर में आना हुआ है ।
इश्क़ का अंजाम कुछ हो न हो मियां,
हर आशिक़ ख़ुद में मयखाना हुआ है ।
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