विकल करती हैं... हर बार उनकी यादें मुझे... और ये मेरी उदास बाहें... पूछती है मुझसे... कि क्यों उन्होंने... किसी और के लिए मुझे छोड़ा... जब वह प्यार करती थी... सिर्फ मुझसे....
बस..यही है वो लम्हा, मैं खुद को भूल जाती हूँ जब.. तुम्हारी बाहों के घेरे में खुद को पाती हूँ .................................................................
मुझे जीना नहीं आता, अगर तुम साथ न होते, सहारा बन के जीवन में, जो मेरे साथ न होते। न जाना छोड़ कर तू यार, मेरे दिल को अकेला यूँ, सिसक कर ज़िन्दगी जीते, अगर तुम साथ न होते। मोहम्मद आरिफ "जानसी"