QUOTES ON #BAAGHIUDAAN

#baaghiudaan quotes

Trending | Latest
27 SEP 2017 AT 20:45

He had everything...
A private jet
A transport company
Fleet of cars
Still the last ride was on shoulders

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21 SEP 2017 AT 20:56

Same food,
Same recipe,
Same house,
Same kitchen,
Same table
But the dinner is no more the same, without you maa ❤️

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23 SEP 2017 AT 19:36

They met
They Fall in love
They Married
His parents demanded dowry
Her Dreams shattered
She got beaten, Burnt, Starved
She cried
And one fine day
She was killed

I wish every story had a happy ending,
I wish......

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11 DEC 2021 AT 12:33

Khud se mohhobat m khud se Fareb...
Tatooli uski potli jiski Khali h jaib

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13 SEP 2017 AT 19:47

And one fine day she came back,
The day he slept forever, without a snore

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10 SEP 2017 AT 21:44

"Papa gande hain" shouted the child, "he didn't got me the plane, I won't let him enter the house", he seemed furious.
The young lady smiled at her child's innocence.
At a distant Park's bench the old man smiled :(
the words reminded him of his story, maybe this was the reason he wasn't allowed in his house :')

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14 SEP 2017 AT 10:40

स्वर तुमसे-शब्द तुमसे, तुमसे कलम हैं
तुमसे कवि हैं तुमसे ही लेखक, माँ तुम हो तो हम हैं ||

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9 SEP 2017 AT 17:25

वट को उदास देख कर उससे, कहती है उसकी छाया
क्या दुविधा है मुझ को बतला, ऐसे क्यों मुहँ लटकाया

वट बोला सुन मेरी बातें, पतझड़ का मौसम है आया,
इन कल-कल करते बच्चों से मेरे वियोग का बादल गहराया,
इक-इक कर ये सारे फिर मुझसे यूँ गिर जाएंगे
हरा-भरा घर आँगन मेरा फिर सूना कर जाएंगे

छाया बोली तो क्या हुआ जो ये कल गिर जाएंगे ?
बिन तेरे-मेरे ये सब भी तो चैन कहीँ ना पाएंगे,
फिर अगले बसंत बड़ी ख़ुशी से वापस तुझ तक आएँगे
जाने दे तू इन सारों को जो पतझड़ का मौसम है आया,
बस तू मेरा और मैं तेरी, कहती है तेरी छाया


बेहतर हैं इंसानों से हम, जो बच्चे लौट कर आते हैं,
इंसानों की आँखों से तो बसंत गयी फिर जाते हैं,
सर्द ग्रीष्म बसंत में भी उसकी पत्ते न लौट कर आते हैं,
वही बूढ़े पेड वहाँ पर घिस-घिस कर मर जाते हैं
वट बोला इंसानों से बेहतर हैं हम, ये अब मैं हूँ समझ पाया,
मैं तेरा और तू मेरी, सुन ले तू मेरी छाया ।।

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5 NOV 2017 AT 11:23

बहुतों की किस्मत बदल गयी ये काम करते-करते,
ना जाने कितने मशहूर हो गए मुझे बदनाम करते-करते

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9 SEP 2017 AT 12:07

एक शिकायत करनी है, तुमसे तुम सुनने आना पूरी ज़िंदगी लेकर

ये जो जुल्फें तुम कान के पीछे लगाती हो ना ?
खुदा कसम परिंदा कैद कर लेती हो,
परिंदे को आज़ाद कर देना तुम
और आना ज़ुल्फें खुली लेकर
एक शिकायत करनी है, तुमसे तुम सुनने आना पूरी ज़िंदगी लेकर

चाँद को भी शिकायत है तुझसे,
तेरे नूर के आगे उसकी चाँदनी फ़ीकी लगती है,
अमावस की रातों में ढूंढता है वो तुम्हें,
छुप के आना तुम मुस्कां दबी लेकर
एक शिकायत करनी है, तुमसे तुम सुनने आना पूरी ज़िंदगी लेकर

तेरे आने से पहले जो मैं मर ही गया,
साँसें ये तेरे नाम कर ही गया,
फिर कभी ना आने तू,
कहीँ उठ ना जाऊँ तेरी आँखों की नमीं लेकर
एक शिकायत करनी है, तुमसे तुम सुनने आना पूरी ज़िंदगी लेकर

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