QUOTES ON #AZAM

#azam quotes

Trending | Latest
20 JUL 2020 AT 0:30

ऐसा लग रहा बिना "स्टडी" के हो जायेगा मेरा "पतन"
क्योकि पढ़ने में नहीं लग रहा "मन" I

-


21 AUG 2020 AT 3:37

फिर उसी रहगुज़र पर शायद,
हम कभी मिल सके मगर शायद...

जिनके हम मुनतज़िर रहे उनको,
मिल गए और हमसफर शायद...

जान-पहचान से भी क्या होगा,
फिर भी ए दोस्त ग़ौर कर शायद...

अजनबियत की धुंध छट जाए,
चमक उठ्ठे तिरी नजर शायद...

ज़िन्दगी भर लहू रूलाएगी,
याद-ए-यारान-ए-बे-ख़बर शायद...

जो भी बिछडे हैं कब मिलें हैं 'फराज़',
फिर भी तू इंतज़ार कर शायद...

-


18 JUL 2020 AT 0:35

आप पढ़िए अच्छा लगेगा।
खुद की सोच रखता हूँ ,राष्ट्र हित में सोचता हूँ,और सच का साथ देता हूँ l
भगवान में आस्था और खुद पे विश्वास मेरी ताकत है।

-


17 OCT 2020 AT 1:35

है हमारी आदत के हमने कभी मुडकर नही देखा,
जिसे भूल गए भूल गए फिर यादकर नही देखा...

है ये शेर भी झूठ और झूठ हैं हम भी,
तूझे देखकर देखते रहे, तूझे देखकर नही देखा...

जो ख़त तूझे लिखे थे हैं किसी दराज़ मे अब भी,
वो ख़त तूझे लिखे थे और लिखकर नही देखा...

मेरे खोने वाले को ये गुमान है के मेरा खोना है सही,
मेरे खोने वाले ने मुझको कभी पा कर नही देखा...

हैं इस दौर मे सुख़नवर और भी बहुत अच्छे,
लोग कहते हैं के 'आज़म' सा कोई शायर नही देखा...

-


21 JAN 2020 AT 2:56

Dil ka ye soz-e-giraani, samjhe ho kya?
Chaar din ki zindagaani, samjhe ho kya?

Apni ana to yaad rahi tumko lekin,
Inn aakhon me ye paani, samjhe ho kya?

Baagh me phool khile, bhanwre nache,
Chaman ki baagh-baani samjhe ho kya?

Umr bhar ka zakhm dena aur chal dena,
Ye dard, ye zakhm, ye nishaani samjhe ho kya?

Ek hi shaqs ki dastaan nahi mohabbat,
Ek shaqs ki hi kahaani samjhe ho kya?

Dam nikalta hai go cheekh na nikle,
Sans ki ye aani-jaani samjhe ho kya?

Mujhko behad kareeb se dekha hai tumne,
Meri zindagi ki rawaani samjhe ho kya?

'Azam' ke ab shikayat ko kya hasil,
Har shai ko aap na-faani samjhe ho kya?

-


19 MAR 2021 AT 22:50

सख्त-दिल हूँ मगर संग-दिल नही,
तुझको भूल जाना इतना भी मुश्किल नही...

हैं खुशनसीब वो के जो मर जाते हैं,
जीने वालों का तो यान कोई मुस्तकबिल नही,

क्या ग़रज़ गर के तुम भी हमें भूल जाओ,
किसी और को तो हम यूं भी हासिल नही...

क्या तवक्को करें की हमसे कोई नरमी बरतो,
तुमहारे सीने मे अब वो हमारा दिल नही...

एक वो दरया है के जो है तूफान-तलब,
एक वो साहिल है के साहिल नही...

खैर छोडिये क्या बात अब 'आज़म' की कहें,
हम भी तो कोई आलिम-ओ-फाज़िल नही...

-


15 MAY 2022 AT 1:59

If you still think I care for you it means you care for me.

-


11 JUL 2020 AT 21:09


दोस्ती बुरी हो तो, होने उसे मत दो,
अगर हो गयी तो ,उसे खोने मत दो,

-


6 JUL 2021 AT 21:21

यह कैदखानों की दुनिया है,
किन दिवानों की दुनिया है...

हम भी हैं हसरत-तलब और तुम भी,
फक़त अरमानों की दुनिया है...

ख़ाक हो जाएंगे एक रोज़ को हम सब,
कब्रिस्तानों-शमशानों की दुनिया है...

मेरी हसती है क्या जो ग़ुरूर हो,
यह अनजानों की दुनिया है...

मिरी नज़र मे है सब कुछ एक सराब,
लोग कहते हैं के मानों की दुनिया है...

मुझको पढेंगी आनेवाली नसलें 'आज़म',
यह हम दिवानों की दुनिया है...

-


25 JAN 2021 AT 2:06

बाद मिरे वो ये कहा करते हैं,
जाने वाले दिल मे रहा करते हैं...

किसी मुसव्विर का ख़्वाब हो जैसे,
उसके बदन को हम यूं तराशा करते हैं...

साकी की हर जाम के बाद,
हाय! किस अदा से हम तौबा करते हैं...

हम ना आए नज़र तो देखना उसको,
किस कदर मुझको वो ढूंढा करते हैं...

हम के दिल बुरा नही करते,
तिरी हक मे अक्सर के दुआ करते हैं...

इक ख़ता की सज़ा कोई क्या उठाए ता-उम्र,
वो अक्सर हमसे यही गिला करते हैं...

'आज़म' को इस शहर मे जानता है कौन,
दिल्ली मे वो यूहीं घूमा करते हैं...

-