QUOTES ON #AUTHORPRANAYTIWARI

#authorpranaytiwari quotes

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2 FEB 2018 AT 18:40

महफ़िल लुटने का माद्दा आज भी रखते हैं।
हम इश्क में घायल हैं, मर्ज
अपने ज़ख्म भी मुस्कुरा कर बेचते हैं।।

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28 JAN 2018 AT 19:09

बिकते-बिकते हम बाजार हो गए।
देश के दंगों से कितने शर्मशार हो गए,
रूधिर के प्यास में संसार से उजियार हो गए,
मुसलमां हुए तो जश्न हुए, हिन्दू हुए तो त्यौहार हो गए।।
शायद हां!
बिकते-बिकते हम बाजार हो गए।।

बेटियां सहम के रह गई घर में,
क्या इतने हम बेजान हो गए।
निर्भया जैसी घटनाएं
कैसे सरेआम हो गए?
दो दिन उठती हैं आवाजें,
फिर सब अपने काम में परेशान हो गए।
जाने कैसे,
बिकते-बिकते हम बाजार हो गए।।

एक मेडल ना आया खेल में,
क्या इतने हम बर्बाद हो गए?
क्यों मिलता ना इनको मददगार
जब रहते हैं ये लाचार,
सुशील और साइना की राह,
जीतने के बाद आसान हो गए।।
जी, बिल्कुल!
बिकते-बिकते हम बाजार हो गए।।

देश के युवा नशे के रथ पे सवार हो गए,
इस दुनिया से बेगाने, सुर्ख-ए-जान हो गए।
ना आज कि चिंता, ना कल कि फिक्र
इतने भी कैसे खुद से अंजान हो गए।।
आखिर क्यों?
बिकते-बिकते हम बाजार हो गए।।

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27 JAN 2018 AT 22:28

शिद्दत-ए-वफ़ा हमें रास नहीं आती,
रूह को सुकून दे, अब ऐसी रात नहीं आती।
दिल्लगी तो हो जाती है,
दिल लूट सके,अब किसी में ऐसी बात नहीं आती।।

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14 FEB 2018 AT 18:54

जो शुन्य पे सवार है,
भस्म जिसका श्रृंगार है।
ना आदि से ना अंत से,
रूद्र उसी का अवतार है।।

हर ऋषि का ध्यान है,
खुद शक्ति का अभिमान है।
ना मानस से ना देव से,
कि खुद में ही शमशान है।।

कैलाश उसका वास है,
पहचान ही जिसका नास है।
ना जान से ना लाश से,
कि काल का भी विनाश है।

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1 FEB 2018 AT 19:16

अपनों के फ़ायदे मुफ्त नीलाम होते नहीं, मर्ज।
"इस्तेमाल" रहता है कर्जदार, भरोसे का।

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6 FEB 2018 AT 19:15

प्यार से यार का, सफ़र आंसा नहीं होता।
रस्ते शमशान के जैसे बहार नहीं होता।।

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25 JAN 2018 AT 19:02

चाहत कि तपिश को कुछ इतना बढ़ा दें, ऐ राही!
कि मंजिल तेरी, तूझको ही अपनी तकदीर मान लें।

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9 FEB 2018 AT 19:16

रास्तों पे सम्भल थोड़ा चलना, मर्ज
टुकड़े कितने टकराएंगे।
मौसम इश्क का है,
जाने दिल कितनों के टूट जाएंगे।।

ज़रा समेट लेना उन टूकडों को,
कि शायद फिर मुस्कुरा जाए।
टूकडें दिल के हैं,
फिर कहीं ना टकरा जाए।

जो ज़रूरी लगे, थोड़ी दिल्लगी दिखला देना।
इश्क में हो अगर घायल,
नज़्मों की मौसकी सिखला देना।
कि दिल के सारे ग़म यहां भरते हैं,
तुम मैं हम, शायर ऐसे ही तो बनते हैं।

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13 FEB 2018 AT 8:52

लुटाने को कुछ बचा भी ना था,
की दिल ने इश्क का रस्ता दिखला दिया।
नजरों का कैसा जादू था मर्ज,
जो इसे इतनी जल्दी पिघला दिया।।

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4 FEB 2018 AT 19:28

Dancing on lyrics with unsync motion,
Not falling into world's conspiration.
Society lacking killer whales,
Login to adulthood fairytales.

All in perfect stoichiometry
Souls in love instead of adversary
Welcome to this parallel reality.

Happiness is where primary consideration
Wealthy has no nomination.
Call every bit my childish illusion, But
Broken hearts and deeds to escape,
We're not The Rightful Evolved Ape.

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