QUOTES ON #ARTANDPOETRY

#artandpoetry quotes

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4 JUL 2021 AT 18:06

Perks of an art

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21 JUL 2017 AT 13:46

ख़ुद में और कितना सूलझूं,

कि तुझमे उलझ कर रह जाऊँ......

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10 AUG 2022 AT 19:43

....art by

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20 AUG 2017 AT 1:13

बुझे घर के चिराग, तो रोई राप्ती भी
आंसू नहीं, सिर्फ तबाही लाएगी,
कोई सुने इसकी आपबीती भी......

अपने मासूम बच्चों की चौखट पर जलती लाश देखी,
नज़रे फेर अपनों की ओर,
आँखों में लिए न्याय की तलाश देखी......

न्याय न मिला अश्क़ो को भी,
सियासत मिली अपनों से,
छीन लिया इस राजनीति ने लालों को,
माँ की ममता के सपनों से....

माँ का दामन छोड़ने वाले नेता कहाँ रह गए
न मालूम आँचल में खेलने वाले,
आँचल से कब खेल गये....

तलाश रही है माँ अपने बेटों को,
इस शहर के हर कोने में,
सुकून नहीं है लहरों के एहसासों को
अब बंदिशों में रोने में......

बुझे घर के चिराग़, तो रोई राप्ती भी

                                   -राप्ती

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31 MAY 2020 AT 1:11

खतम हो रही
इस कलम की स्याही है !

लेकिन जिंदगी जीने की आदत
आज भी जारी है !

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29 JUN 2020 AT 2:04

बंद कमरों में आधी रात
दबे पांव चले आते हैं
रात होते ही इन आंखों में
आंसू बेहिसाब चले आते हैं
सुबह दिखता है सबको मेरा
चेहरा हंसता खिलखिलाता हुआ
और मुझे देख वो कहते हैं की
वो रोनक ए महफ़िल चले आते हैं
©Reserved by

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17 SEP 2019 AT 16:54

A silent gaze...
An audible silence...
An empty dream...
Unheard..
Unseen..
Unfelt...
Presence..
Absence..
Significance...
My Isolated Existence...!

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25 OCT 2020 AT 18:27

सम्मान तो क्या ही करोगे
स्वाभिमान तो रहने दो
जो हम अपनी जय कर लेते हैं
उसे अपना पराजय क्यों समझते हो
हमने तुम्हारी हुकूमत में हिस्सेदारी कब मांगी है
हमारी जंग तो अभी तक अस्तित्व की ही होड़ है
तुमसे तुम्हारी उड़ान नही मांगी है
उड़ हम खुद लेंगे
पर हमारे लिए जरा सा आसमान तो रहने दो
बस ज़रा सा आसमान रहने दो

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18 APR 2020 AT 0:13

✍️✍️তত্তুল্য

আন্ধাৰত আবদ্ধত
সেউজীয়া গধূলি
ভাল লগা সময়ে থাকে উমলি
এটুকুৰা হাহিৰ চঞ্চল সোন
লুকাই ভাকু খেলিছে সন্ধিয়াৰ জোন।
ধৰি ৰাখিব বিচাৰিচো সময়ৰ সোঁত ।
সেই সোতৰ অহা বালিচন্দাৰ ধ'ল
পাৰত বান্ধি্লো মোৰ ব'ল।
তোমাৰ সোতৰ অপৰূপ শক্তি
ভাঙি দিয়া মোৰ ভক্তি।
অতিক্ৰম নকৰিবা মোক
প্ৰকৃতিয়ে দিব তোমাক দোষ।
মই থাকিম সদায় তোমাৰ লগত ।
জন্ম দিয়া মোক তুলিকাৰ ৰূপত।
ৰৈ যোৱা পথত অজান চিনাকি
লিখিব দিবানে মোক আকৌ দুশাৰী ?
#Art creativity. Capture “Painting is poetry that is seen rather than felt, and poetry is painting that is felt rather than seen.” – Leonardo da Vinci .

দিগন্ত ।।

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