तेज, शांँत और दिशाहीन...
मैं बहते आंँसुओं की धारा हूंँ...
गैरों की मुझको खबर है क्या...??
मैं तो अपनेपन का मारा हूंँ...-
Gujaar diye honge Tumne kai din,kai mahine, kai saal..
Jo Kaat na sakoge wo raat hu main...
Kri hogi Baatein Tumne,kai dfa kai logo se..
Pr Jo Dil pr lgegi, wo baat hu main...
Bheed me Jb khud to tnha akele paoge..
Apnepan ka aihsaas kr du,wo ik Sath hu main...
Bitaye honge Tumne kai haseen pal sbke Sath me...
Jo bhula na paoge wo ik yaad hu main..-
जानते हो ...!!
रिश्ते क्या होते हैं, पहले
रिश्तों को प्यार, अपनेपन, समर्पण,
सम्मान, विश्वास से सीचना पड़ता है
फिर रिश्तों में खुशियों के फूल खिलते हैं ।-
प्यार का मतलब,
सिर्फ साथ "रहना"
नहीं होता,
प्यार में तो,
साथ "ना" होकर भी,
साथ "होने" का,
एहसास "रहता" है.....-
Aaaj agar tumhe gairo se apnepan ka ehsas mil raha hai
Toh khuda se dua hai ki tumhe unh gairo ka parayapan kabhi na dikhe !-
तुम थोड़ा नाम,पैसा कमाओ
सब लोग तुमसे प्यार करने लगेंगे
आज जो तुम्हारी बुराइयाँ करते नही थकते
कल ये सब अपनेपन का व्यवहार करने लगेंगे-
अपनेपन के एहसास नें,
बातें को...
बातों से एहसास नें,
विश्वास को...
विश्वास के एहसास नें,
रिश्तों को...
रिश्तों से एहसास नें,
हक को...
हक के एहसास नें,
अपनें और परायेपन को...-
अहमियत कम हो जाती है जब कोई नया मिल जाता है
उस अहमियत की कीमत तब तक रहता है
जब वो अकेला महसूस करता है खुद को,
जब हजार मिले तो भूल जाता है उस इंसान को।
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