हमारा रिश्ता भी टाँम और जैरी जैसा है,
हमारी लड़ाई कभी लड़ाई जैसा लगता ही नहीं।
मेरे उदास होने पर मेरे मुस्कुराहट कि वजह भी तुम्हीं बनती हो,
दिखाती नहीं पर मुझसे ज्यादा मेरी परवाह करती हो।
ख़ुशी हो या तकलीफ हो मगर मुझे कभी अकेला नहीं पड़ने देती,
एक दूसरे को हम इस हद तक जानते है,
कि अगर रूठ जाए कभी तो उसे मनाना आता हैं मुझे,
गुस्सा तो हमेशा उसके नाक पे ही रहता हैं,
जिसका मज़ाक बनाना आता हैं मुझे।
-ANJALI SINGH
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