अंधेरों से निकल कर, रोशनी में आ,
बात मान मेरी, यूँ ना घबरा,
वक़्त बुरा है, बदलेगा ज़रूर,
हौंसला रख, हिम्मत ना गँवा,
कोई नहीं साथ तेरे, इसका ग़म ना कर,
रब है साथ तेरे, उस पे ऐतबार कर,
पीछे मत देख, आगे बढ़, मंज़िल पर तू रख नज़र,
फल की चिंता क्यों है, तू बस अपने कर्म कर,
ना रख किसी से बैर, ना किसी को रूसवा कर,
जब कभी मिले मौक़ा, बिन मतलब सबकी मदद कर,
दुख दिए है बहुतों ने तुझे, तू सबको माफ़ कर,
बदले की आग में मत तू जल,
वो रब बैठा है, तुझे इंसाफ़ दिलाएगा,
तू बस उस पर विश्वास कर, उसको ना कभी निराश कर।
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