तुम्हारी याद आती रहेगी, बरस दो बरस नही,
तब तक कि जब तक मैं जीता रहूँगा इस जहां में,
सुबह मीठी वाणी में मुझको जगाना,
वो सब याद आता है रह रह के मुझको,
तुम्हारा ऐसे चलना, तुम्हारा वैसे रुकना,
ये सब भी कैसे भुला पाऊँगा मैं,
तुम ये ना सोचो कि तुम हो बेसहारा,
मैं अब भी बनूगा तुम्हारा सहारा,
बस इक बार जगकर तू मुझको सुला दो,
फिर मेरे बाद तुम्हारी यादे न होगी
मैं भी न हूँगा - तू भी न होगी........
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