क्या तुम उस वक्त सुनने आओगे
जब दिल की नुमाइश सरेआम हो रही होगी..
क्या तुम उस वक्त देखने आओगे
जब आंखें लहू बन बरस रही होंगी..
क्या तुम उस वक्त हाल पूछने आओगे
जब तपिश में सांसे जल रही होंगी..
क्या तुम उस वक्त अपना प्यार बरसाओगे
जब अमावस में चांदनी चमक रही होगी..
क्या तुम उस वक्त मिलने आओगे
जब रूह शरीर बदल रही होगी..
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