मेरे सपनों की दुनिया आज उजाड़ होने लगी है..
गुरुर कुछ कम न हुआ,
मेरी तन्हाइ ही आज कातिल होने लगी है ।
जिद्द पर अड़ा रहना कुछ कम न हुआ,
इधर मेरी खुशीयां आज दफ़न होने लगी है।
ये ना सोचा था, ऐसा भी होगा कभी
हर इक नज़र परायी सी आज होने लगी है ।
क्या कहूं ??... अनोखी कहानी मैं अपनी...
आज फिर से जीत उसी की हुई
मेरी हर बात ही बेमानी आज होने लगी है ।
काश अब मौत ही आ जाये बेहतर होगा,
क्योकि जिंन्दगी मौत से बद्तर आज होने लगी है।
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