Akhil 7 AUG 2021 AT 19:52 टीस थी देश को जिसकी बहुत,उस कमी को भी दूर किया,नाकामी का तब अभिशाप मिटा,जब भाला तूने गगन में फेंक दिया । - Akhil 13 AUG 2021 AT 15:37 फ़रेब किया फिर भी फ़िक़्र है,दिल के बदले दिल भी न दिया,फिर भी बस तेरा ही ज़िक्र है । - Akhil 11 AUG 2021 AT 21:57 मोहलत मिली है तो,चाहत को बयाँ भी कर दो,कौन जाने कब लबों से निकले,अब और नहीं बस रहने भी दो । - Akhil 10 AUG 2021 AT 13:56 आज फिर बारिश से बचने काबहाना याद आ गया,शायद इन बूँदों को देखकर कोईआँसुओं का ख़जाना याद आ गया । - Akhil 2 SEP 2021 AT 16:02 पंछी थे बस उड़ चले,पिंजरा छूटाजिसमें जन्म से पले ।Panchhi thei bas ud chale,Pinjra chhutaJisme janm se palei . - Akhil 12 AUG 2021 AT 23:26 ये साँसें भी बेवफ़ा हैं,उसके ही नाम से चलती हैं,उसके ही नाम से रुकती हैं । - Akhil 16 AUG 2021 AT 22:59 मन को मायूस अब और न कर,हौसले से उड़ने का ज़माना गुज़र गया,अब पंख दौलत की बाज़ारों में बिकते हैं,पर ग़रीब है तो वहाँ जाने कीख़्वाहिश कभी न कर । - Akhil 14 AUG 2021 AT 23:25 लहू बहा जिनका वो तो गुम हुए,माँ भारती के लाल थे तो शहीद हुए;जिनके लिए गोलियों को झेलकरमौत को देखकर भी खड़े हुए,वो बस आज़ादी के जश्न में मशगूल हुए । - Akhil 17 AUG 2021 AT 22:23 यकीन का मतलब अफ़सोस था,हम शायद देर से समझे,यहाँ जीत का मतलब भी हार था ।Yaqin ka matlab afsos tha,Hum shayad der se samjhe,Yahan jeet ka matlab bhi haar tha. - Akhil 9 AUG 2021 AT 20:03 उम्मीद के बादल बन,कब तुम बरसोगे,अब आस छूट रही,प्यास टूट रही;इंतज़ार और न होगा सनम,तेरे बिना ये जान,अब मुझसे ही रूठ रही । -