करोगे याद गुजरे जमाने में , तरसोगे हमारे साथ एक .... पल बिताने को, फिर आवाज दोगे हमें .... वापिस बुलाने को, और हम कहेगें ... दरवाजा नहीं है कब्र .. से बाहर ।।
आधी रातों में जो बातें दिमाग में आती हैं, वो सुबह तक याद नहीं रह पाती हैं क्योंकि, उनके साथ आँसू भी आते है, और सारी बातें आँसुओं के जरिये बह जाती हैं।।