Silsila yeh mohabbat ka yuhi chalta rahega Mohabbat k naam per koi wafa toh koi bewafai karta rahega Per kabhi khatam na hoga mohabbat ka naam iss duniya se Jo jitna bachna chahega isse Yeh mohabbat usse utna hi barbaad krta rahega..........!!
ज़िन्दगी ने मुझे सिखाया जो हमारा नहीं हैं उसे खों देनें मे कोई बुराई नहीं हैं सभी ने तजुर्बे के साथ कहा था इश्क़ बुरा हैं पर मुझे ये बात आज तक समझ आयी नहीं हैं उसके जाने के बाद सिर्फ तन्हाईयो से दोस्ती की हैं मैंने आज तक कोई मेहफिल सजाई नहीं हैं दोस्तों ने तो लाख कहा भूल जाओ उसे पर मैंने कहा दोस्त मेरी आख़िर साँस अभी तक आयी नही हैं.....!!