किसी को तो सच्चा प्यार मिलता है
और किसी को प्यारा यार मिलता है
ख़्वाब किसी के जो कोई भी देखे
उसको न कभी भी क़रार मिलता है
आरज़ू किसी ने ख़ुशी की जो की
उसको न मौसम-ए-बहार मिलता है
दीद-ए-यार में दर-बदर घूमते है जो
मर जाते हैं वो न दीदार मिलता है
मिले मोहब्बत तो क़द्र करना तुम
ये तोहफ़ा बस एक बार मिलता है
उजालो से कोई गिला नही हमको
ख़ुद जलते हैं तो अनवार मिलता है
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