मेरे YQ के इस आशियाने पे,
कुछ लोग बड़े चुपके से आते हैं,
फिर चुपके से पलट भी जाते हैं,
न सलाम, न दुआ, न कोई कलाम,
न खैरियत अपनी बताते हैं,
न हमारी पूछते हैं,
आ ही जाते हैं जनाब,
तो कम से कम चाय तो
पी कर जाया किजये,
हम अपने मेहमानों के लिए,
अदरक वाली चाय बना कर
रखा करते हैं ठंड के मौसम में।
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