"बदल दूं जो दिल में तुमसे"
रख दूं जो दिल तेरा,मेरे दिल के बदले में, तो
दिल की किताब में अलग अलग नाम हो हर पन्ने में
हां बनते आशिक़ आज कल के जो पलभर के से होते हैं
लैला मजनू का दावा कर,हर सोशल पेज पर भटकते हैं
दोस्ती,प्यार,इश्क एक हफ़्ते,महीने में बदलते रिश्ते हैं
जो निभाए असली मोहब्बत वो इनमें कहां मिलते हैं
सुबह शाम तक बातों में इजहार, और तकरार रात तक
बहुत कम है ऐसे जो ना भूले अपना प्यार उम्र तलक
क्या नया है जो मिल जाए महबूब किसी और की बाहों में
क्या फ़र्क पड़ेगा जो ना दिखे कोई सच्चे प्यार की राहों में
बदल दूं अगर जो दिल तेरे मेरे दिल कुछ पल के लिए
मिट जाएगी अहमियत तुम्हारी 'ए तानी' कुछ बरस के लिए
-