Saksham Sharma 26 MAY 2018 AT 15:17 एक बिनती होगी मेरी उस दिन सबसेजिस दिन मैंने अपने इतिहास को भी रुला देना,हाँ, मेरे जनाज़े वाले दिनमेरी कलम को मेरे साथ जला देना । - Saksham Sharma 16 SEP 2018 AT 18:15 तुम्हे अज़ीज़ कहा करते थेहम तो बेज़ुबान होकर भी खुश थे,तुम्हे सुकून दिया करते थेहम तो अपना दिल जलाकर भी खुश थे । - Saksham Sharma 11 OCT 2018 AT 18:59 दैर में रख कर कदम तू खुद को भूल जाता है,उस नकली ज़र की तरह बुराई को अपने अंदर घोल जाता है । - Saksham Sharma 6 FEB 2019 AT 18:33 उसकी मुस्कुराहट मेरी ज़ुबान खींच लेती हैनजाने कैसे इक़रार करूं,उसकी जुल्फों के नशे में रिन्द सा घूमता हूंनजाने कैसे इज़हार करूँ । - Saksham Sharma 14 NOV 2018 AT 16:02 यूँ ही बचपन में छोटी-छोटी बात पर मुस्कुरा दिया करते थे,हम तिफ़्ल थे, जाने-अनजाने में अनमोल चीज़ें गिरा दिया करते थे । - Saksham Sharma 2 MAR 2018 AT 17:46 Dear racists,I wish everyday will be a holi because then there will be no discrimination on the basis of colour. Everyone will be of same skin tone. Yours A patriot - Saksham Sharma 4 AUG 2018 AT 16:30 तेरी बेवफ़ाई को अंत मानकरहमने तो यूं ही जीना छोड़ दिया,इस पत्थर-दिल शायर ने आजकलहुस्न का जाम भी पीना छोड़ दिया । - Saksham Sharma 25 JUN 2018 AT 19:10 "How do you know, she is the one?""She wrote to me 'You are my favouritest', though she's a grammar nazi." - Saksham Sharma 24 APR 2018 AT 18:52 Dear bestfriend, You are the best part of my life. And you know its always good-better-best. Yours, Other half. - Saksham Sharma 21 OCT 2018 AT 18:06 फिर कुछ दासताएँ यूँ हुईकी अपनों से ही दूरियां बढ़ती गई,उस इश्क में फरेब घुलकर मिलता रहाऔर उसे पीकर हमारे लफ्ज़ो की कहानिया बढ़ती गयी । -