सुबह का समय था दिन की नई शुरुआत हुई
बच्चे को तैयार कर माँ गेट पर तैनात हुई
पिता ने बस्ता उठाया माँ ने बच्चे को गले लगाया
गले लगाकर माँ ने विदाई दी
पापा की आवाज बाहर से सुनाई दी
कलेजे का टुकड़ा अब स्कूल चला गया
ये सोचकर माँ नें दरवाजे का कुंडा लगा दिया
पापा के साथ बच्चा खुशी से स्कूल पहुँच गया
पापा ने बाय कहकर अपने लाल को अंदर भेज दिया
पापा जैसे ही घर पहुँचे वो पल ही जैसे शिथिल हो गया
स्कूल से आये एक फोन से माँ बाप का जहां बदल दिया
हाँ अनुमान जो आपनें लगाया वो सही है
मेरे पास ये निर्ममता बयां करनें को अब शब्द नहीं है
प्रद्युम्न चला गया और एक सवाल रह गया
क्या ग़लती थी उस बेबस की ये दिल में मलाल रह गया
माँ के बहते आंसू पापा का उदास चेहरा
उनके लिए तो अब हर एक पल ही है ठहरा
अभागे से वो बस रोते रह जाएंगें
उनके बच्चे के साथ बीते वो पल न वापस आएंगे
नही आएगा लौट के अब उस माँ का वो नन्हा लाल
मन ही मन अब रह जाएगा बस ये मलाल 😢
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