QUOTES ON #YQRAJASTHANI

#yqrajasthani quotes

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17 DEC 2019 AT 19:23

राजस्थानी 💗

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इति सूनी ना जावन्ति बीती गौर म्हारी
बेरूता ना मुरझावन्ति, फुलां री क्यारी
रात आला जुजला, संग संग न रोवन्ता
बिन बतलाया मोर, मांझल न सोवन्ता
हिवड़े री न उधड़ती रे जिलतां

साजण जी जे थे ना मिलता
साजण जी जे थे ना मिलता।।

भरी रेव भीड़, म्हारे आले दुआले
पण थारे बिना, हिये ने कुण भावे
चालती आ बेरण बयार, पीड़ जगावे
आँख्यां रो काजळ, गाला संग बतलावे
होंठ म्हारा बिन बोल्या, इयाँ न सिलता

साजण जी जे थे ना मिलता
साजण जी जे थे ना मिलता।।

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कद खौल्हां मूंडा का ताला नें ,

सरकार तु क्यूँ , खोटी करै म्हाने
दै ऊँचौ गगन म्हारी वाणी नें ,

आ बौली दस करोड़ कंठा कि
तु हिन्दी सूं मत जोड ,
बात कहूं मेंं चुभती
इरै आगे संस्कृत री नि ठोड ॥

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27 JAN 2020 AT 23:57

नशो अर युवा रो नाश
नशो एक मिठो जहर पण ओ जहर आज घर-घर हुग्यो,
पहला लैवता गिणवा-चूणवा अर आज हरेक तांई पुग्यो।
अफीम ,डोडा ,दारू अ सगळा नशा रूपी लोग खावै,
आजकळ तो स्मैक, एमडी,अर नयो जहर कठासूं लावै।
युवा लोग तो इण जहर न बड़े शौक सूं खावण लाग्या,
पईसा नि होवै जद जमीन,जायदाद अर ठीकर बैचण लाग्या।
जिण उमर माय करणी माँ-बापु री सेवा बिण माय फिरै रोवता,
दूध आळा प्याला छोड़ कर देख्या स्मैक ,एमडी अर दारू पिवता।
एक पीवै दूजो पीवै अर् पीवै पांचवो पसै दसवो
अब तो पुरो ग्रुप बण्यो तस्करा के बण्यो जोर रो धंधो।
बडेरा अर सज्जना थांसु सुनील री आहि अरदास,
आपणै टाबरां रो ध्यान राखो मत जावण दो नशा के पास।
✍सुनील हुड्डा बाड़मेर

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2 MAY 2020 AT 22:16

परिणाई आई पायो वनवास
मनड़े ने धीर बंधाई
फिर भी अग्नि परीक्षा पाई
धोबी ने धोबिन धमकाई
रामराज्य री पीड़ बढाई
सिया ने फिर पायो वनवास
तजी राम ना टूटी आस
दो पुत्र मिले तब लव कुष पास
सिय बालमीकि आश्रम री ठास
जद लेखो लिखतो होतो राम
किस बिधि फिर भूल्यो अपणी बाम
राम चरण सौंपे जद लाल
सिय पृथ्वी में गई समाय
सबका लेखा लिख राम जी
स्वयं की ना क्यों की सुनवाई...

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5 OCT 2019 AT 20:18

मैया जी थारै लोचन एक हजार,
मैया जी थारी महिमा अपरम्पार,
शत वर्षो जद हुई न वर्षा,
शाकम्भरी लियो अवतार,
मेंहदी लाग्या हाथ माता का,
काजल़ वाल़ा नैण माता का,
लाल चूनर, अरू लाल चूड़लो,
रात सारी जगे है दीवलो,
थारी सेवा में भोग करां तैयार ,
मैया जी थाने चोखी जीमण वार,
मैया जी थारा जगमग है दरबार ,
भक्त खड़्या दरशन नै माँ करदो बेड़ा पार,
आशीष देवो माता, सुहाग देवो,
सबका भरो भंडार, ऋद्दि-सिद्धि देवो,
करां म्हे थारी जयकार माताराणी,
म्हे करां थारी मनुहार कल्याणी।

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1 DEC 2019 AT 23:25

माँ कोख म ही
सोण देती म्हाने
ना ल्याती इ अंधियार जग म
घूरती आंख्या
देख भेड़ियां की
ढक्या तन न भी कईयां बचाऊँ
डरप रहियो हिवड़ों म्हारों
लाज लूट कर लेग्या, कर दी
छलनी आत्मा म्हारी....
छुपा रहीं हूँ खुद न जग स
देख्यो ना जावे उजालो
लड़की होणो जुलम हो ग्यो
इम म्हारों काईं कसूर
कोई तो बतलाओ ना......?

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12 JAN 2020 AT 15:10

मिट्टी की कसोटी पर खरो
गाँव री नव्ज ने बांच सकै
ईसी सोच वाळो एक
जो सत्य असत्य रो भेद भांप सकै
ज्ञानी हो जो ज्ञान के कर सके दीप प्रज्वलित
आपणी गांव की माटी सूं उपज्यो एक सपूत
मोल तोल के देख भाळ के सोच समझ कै
अपणा कीमती वोट योग्य उम्मीदवार ने ही दीजो।

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इ पर और बि पर दोष मत काडो ,
कियां निवड आं , बौ गेळौ काडो ,

गाँव , ढ़ाणी , गुवाड आयौडा परदेसी मेहमान ,
पेहळी नुहाऔ बानें तातौ पानी कर जुजमान ,

धोक , आशीष , ळाड कौड
पछे घणा कर ळीज्यों ,
पेह्ळी घर घर हांचौ जाप्तौ कर ळीज्यों ,

दिखै किमें बूखार का घुन ,
गासा , उकाळी कि नी दैनी
बिनें ओही है केह्नी ,
सीदौ डाक्टर कौ गेळौ चुन ,

गाँव , ढानी अर गुवाड है आपणी ,
इ महामारी हूं है सघळा नें बचानी ॥

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12 DEC 2019 AT 22:29

हां सा ✍️

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