कोरोना पर वार युवा योद्धा हैं तैयार
काॅंटों में राह बनाते हैं,यह वीर पराक्रमी निर्भय होकर मृत्यु को गले लगाते हैं,
धैर्य वा आत्मबल से विपत्ति में लड़ना सिखाते हैं,यह वीर निर्भय होकर आगे बढ़ना सिखाते हैं।।
अंतस् में ऊंचे भाव संग धीरज लेकर चलना सिखाते हैं,यह वीर विपत्ति में जन के उद्धारक बन मरते हुए को जीना सिखाते हैं।
चमक सूरज की नही अपितु इनके किरदार की हो जाती है,जब ये अदम्य साहस से विपत्ति में जन के उद्धारक बन जाते हैं।
यह बोस आजाद ना होकर भी वीर पराक्रमी कहलाते हैं,यह वीर हिंदू मुस्लिम नही अपितु सिर्फ इंसानियत धर्म निभाते हैं।
आँखों में प्यार भर हरियाली का उद्गार कर,यह निडर होकर चलना सिखाते हैं,साहस के मूसलाधार प्रहारों से यह विपत्ति रूपी पतझड़ को दूर करना सिखाते हैं,तभी तो यह वीर, कोई और नहीं अपितु पराक्रमी युवा योद्धा कहलाते हैं।।
-चित्रा द्विवेदी-
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