यू ही नहीं यारों पे, हम जान वारां करते हैं, सारा वक्त अपना ,उनके साथ गुज़ारा करते हैं, क़यामत आने पर भी,जो साथ छोड़ने को राज़ी न हुए, ऐसे जज़्बातियो के साथ हम, तूफ़ान का पलके झुकाया करते हैैं।
Mohabbat mukamal na hui to koi gila nhi.......jaise hum the hum apni mohabbat waise koi kbhi raha nahi......jitne bhi pal the pas pyar itna tha jyda......log bhi jal jate the dekh kar humara beshumar pyar......bht lamba tha humari mohabbat ka saath....aise koi humsafar bhi n jeeta hoga......jis tarah hum dono rhte the pyaar se ek saath
हम कहा नाराज हुए , तू ही औकाद दिखा गया, जब जब खोजा तुझे तू bandi के busy हो गया, और जब जरूरत थी हमें तेरी तू हमसे दूर हो गया, GF - GF करते करते तू मेरे दिमाग से दूर हो गया, अब समझ आया कि तुझे की तुझसे प्यार करने का भूल हो गया।।।।
हिन्दी में कुछ बात है, हिन्दी में अपनापन है, हिन्दी में साज़ है - जैसे बिछड़े पुराने यार से मिलने पे पुरानी कहानियाँ याद आती हैं , जैसे मधुर धुन कोई कानों से होके मन को शीतल कर जाती है । हिन्दी बिना किसी भेदभाव के सारी भाषाओं का अच्छा संगम है । हिन्दी मेरी ज़ुबान है तभी शायद मेरे दिल में मेहराम है ।