हमने तुमको दिल से चाहा, पर उन्हें ही हमारी कदर नहीं थी l
एक मौका तो दो हमें, अपने प्यार का इजहार करने का, जन्नत तुम्हारे कदमों में ना रख दिया तो कहना l
यह आखों की बेचैनियां, यू तुम्हारा पहले की तरह मुझसे ना मिलना ,
बहुत तड़पाता है l
दिल है कि मानता नहीं, इस दिल को कौन समझाएं l
यूं तो मेरी पूरी कोशिश रहती है, तुम्हें भूल जाने की, पर क्या करें तुम्हारी फोटो को आंखों के सामने रखकर, उसे सीने से लगाते हैं, तो आंखों को ठंडक मिलती है l
कुछ कमी मुझ में ही रह गई होगी... हो सकता है, इसलिए तो आज पास होकर भी दूर हैं l
काश वो दिन वापस आ जाए, मैं और तुम हम हो जाए l
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