QUOTES ON #YQPAAJI

#yqpaaji quotes

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5 JUN 2017 AT 22:42

आज घर पे मेहमान आये हैं,
आज फिर कुछ अच्छा खाने को मिलेगा ।




आज घर पे मेहमान आये हैं,
आज फिर एक रोटी के चार टुकड़े होंगे ।।

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31 OCT 2019 AT 12:53

आज quote नहीं एक हक़ीक़त share करती हूँ ...

और आप बताओ मुझे क्या ये ज़रूरी है ....?

Caption में पढ़ें..

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16 JUL 2017 AT 11:28

Despite being a Hindu, I like Urdu.
Although my friend is a Muslim, he loves Hindi.
English is ruling as usual.

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19 MAY 2019 AT 14:47

आदत में शुमार था
प्रेम को
छिटकाना
किंतु ,
शनैः शनैः
गिरहें लगने लगी
प्रेम पर
कभी तथ्य कभी पूर्वग्रह
स्त्रीत्व के लिए
इतना आसान नहीं
प्रेम प्रदर्शन
सामाजिक दायरों में
सीमित है
स्त्रीत्व के लिए
प्रेम की परिभाषा
शायद
प्रेम देवत्व गुण है

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18 AUG 2019 AT 16:19

टप टप टपक रही है बूँदे
ज्यों प्राईमरी कक्षा की टीचर
बोलती हैं एक वाक्य को बार बार
💧
भीगा पेड़ किसी मुनि सा
गिरा रहा है परिपक्व हो
वासनाओं को
💧
पुदीने और नियाजबो
निम्न क्षुप मिट्टी में दबे
ज्यों आभूषण लॉकर में
💧
पंछियों के भीगे पर
रूमानिया अंदाज़ लिए
ज्यों यौवन इश्क़ के हुलारे ले
💧
गिरती बूंदों ने बिरहन के
हृदय की धरा को भिगो
केंचुआ रुपी विरह
विचरण कर द्रवित किए
💧
प्रौढ़ मन
अतीत की भरी नदियों में
बहा रहे हैं
सादी मुस्कान की किश्तियाँ
💧
विवशता के खूँट से बंधे
पुरानी कर्मक सशक्त छतों से
ऊबाऊपन की
सीलन उभर आई है

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17 JUN 2017 AT 21:35

शहर में दोस्तों संग वो "फादर्स डे" का जश्न मना रहा था ।




गाँव में एक बूढ़ा बाप
आज भी दरवाज़े पर टकटकी लगाए बैठा है ॥

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23 AUG 2017 AT 23:44

शहर से समाचार आया,
"मुबारक हो, आपका राजू दौड़ में प्रथम आया है।"



अपाहिज माँ-बाप की बैसाखियाँ भी खुशी से नाचने लगीं ।।

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12 MAY 2019 AT 22:46

स्त्रियां
निभाती रहती हैं
अनुबंध, प्रतिबंध
और ढोती रहती हैं
संकल्प , विकल्प
वो नहीं कर पाती
जिम्मेदारियों की
ग्रंथियों का विसर्जन
कदाचित्
स्वतंत्रता बाधक
है उनकी
तंत्रिका तंत्र में

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17 NOV 2020 AT 16:30

.....

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18 APR 2020 AT 14:10

मुझ को पता है वो गुस्से में किस हद तक जा सकती है
खुदा से छीन कर मुझे वो दोबारा पा सकती है

दोस्तों, हमारी महोब्बत कोई सस्ती शराब नही ,
जो एक बार पी कर दोबारा उतारी जा सकती है...

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