मैं तुम्हारे ख्वाब में आऊं तो क्या करोगे,
और फिर वहीं ठहर जाऊं तो क्या करोगे।
तुम्हारा दिल तुम्हारे ही खिलाफ हो जाए,
मैं उसी दिल में बस जाऊं तो क्या करोगे।
तुमसे इंकार ही ना हो पाए मेरी बात का,
इस कदर तुम पे छा जाऊं तो क्या करोगे।
तुम चले जाओ किसी और ही दुनिया में,
और मै रह रह के याद आऊं तो क्या करोगे।
तुम दौड़ कर आओ मुझसे मिलने कभी,
मैं उससे पहले ही मर जाऊं तो क्या करोगे।
तुम्हें अहसास हो शदीद मुझसे इश्क़ का,
मैं दूजे जन्म तक इंतजार कराऊं तो क्या करोगे।
तुम्हें छल जाए दुनिया में हर कोई बार बार,
और फिर मैं भी बदल जाऊं तो क्या करोगे।
तुम्हें अहसास हो अपनी बेवफ़ाई का मुसलसल,
पर अब मैं भी वफ़ा ना कर पाऊं तो क्या करोगे।
-