मेरे शरीर पर गहरे ज़ख्म और आत्मा पर वार,
मैं अपने सभी दर्दो का सारा हिसाब रखुँगी...
सभी पापियों के गुनाहो का हिसाब जरूर होगा,
ऊपर वाले से मैं तुम सबकी शिकायत करूँगी...
मारा था उन दरिंदो ने मुझे तड़पा तड़पाकर,
तड़पना किसे कहते है यह उन्हे बताकर रहुँगी...
नारी के सम्मान का ढोंग और पाखंड करने वालों,
ऊपर वाले से मैं तुम सबकी शिकायत करूँगी...
पहले जान के लिए और फिर सम्मान के लिए,
आखिरी साँस तक मैं जिदंगी की लड़ाई लडूँगी...
मर भी गई तो यह मत सोचना कि बच गए तुम,
ऊपर वाले से मैं तुम सबकी शिकायत करूँगी...
चुपचाप बैठ कर हमेशा तमाशा देखने वालों,
मैं तुम सबभी के आंसुओं का कारण बनूँगी...
अब जा रही हूँ यह ज़ालिम दुनिया को छोड़कर,
ऊपर वाले से मैं तुम सबकी शिकायत करूँगी...
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