चाक दिल अपना लेकर किधर जाएंगे,
ऐ ख़ुदा हम तो तेरे ही दर जाएंगे।
तूने गर ऐ ख़ुदा हम से फेरी नज़र,
फिर बता तू ही हम किस डगर जाएंगे।
है दुआओं में मां की ग़ज़ब का असर,
कैसे यूं ही भला हम बिखर जाएंगे।
आईने की है हम को ज़रूरत नहीं,
हम निगाहों में तेरी संवर जाएंगे।
जब भी तन्हा रहोगे हमें पाओगे,
वायदा आज तुमसे ये कर जाएंगे।
हो जुदा हम न फिर ज़िंदगी में कभी,
हम यूं रूह में तुम्हारी उतर जाएंगे।
हम को आई न खांसी भी देखो सनम,
क्या वहम था कि बिन तेरे मर जाएंगे।
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