मुक्कदर नही , मेहनत आजमा ।
खुद को ही अपना अभिनेता बना ,
पहचान कर काबिलियत अपनी ,
असम्भव को भी सम्भव बना ,
वक्त से न उलझ ,कुछ सुलझे विचार बना,
हार से कुछ सीख , जीत का जुनून जगा,
मुक्कदर नही मेहनत आजमा ।।
फूलो के जैसे कांटो के बीच तु मुस्कुरा ,
चट्टानों से जूझ कर ,
अपनी मंजिल का रास्ता बना ,
अपने हौसले को तु जंग न लगा ,
चहु ओर कर्मो से अपनी खुशबू फैला,
मुक्कदर नही , मेहनत आजमा ।।
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